हम सब जानते हैं इतिहास मे कई महान सभ्यताये आई और मिट गई पर भारत की सभ्यता हजारो सालो से आज भी जिंदा है और करोडो लोगो के जीवन का हिस्सा बनी हुई है। यह समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
इसका क्या राज है?
इसका राज है भारत का ईश्वरीय ज्ञान और भगवान की कृपा। इसमे उस ईश्वर की कोई मंशा छुपी है जो उसे हजारो साल से जिंदा रखे हुए है और उससे धरती पर कोई विशिष्ट काम कराना चाहती है। कोई इस पर विश्वास करे या न करे पर यह कोई ख्याली बात नही है। भारत के बहुत सारे महान ऋषियो और योगियो ने भविष्य की इस सम्भावना की ओर कई बार इंगित भी किया है। योगी भविष्य के बारे मे अन्तरद्रष्टि रखते हैं।
वह कौन सा विशिष्ट ईश्वरीय काम हो सकता है, जिसके लिये भारत उपयुक्त है और वह कर सकता है?
वह काम है आज के इस भौतिकवादी युग मे ईश्वरीय ज्ञान की पुनर्स्थापना करना और उस ईश्वर के काम को धरती पर आगे बढाना। वह ईश्वरीय ज्ञान क्या है और धरती पर उनका कौन सा काम है?
वह ईश्वरीय ज्ञान है: इस जग को रचने वाली ताकत एक ही है। उस ताकत को ईश्ववर,अल्लाह,गोड कुछ भी कह सकते हैं। कुछ उसे परम ज्ञान और कुछ लोग कुदरत के नियम कहते हैं। नाम से कुछ फर्क नही पडता। हर चीज उसी की ही एक रचना और य॔त्र मात्र है। दूसरी बात: वह स्वय॔ इतनी शक्ति शाली है कि उसे अपने धर्म-प्रचार करने या लोगो को आपस बांटने और इस या उस धर्म मे लाने के लिये किसी इंसान की मदद की जरूरत नही है। उसके लिये कोई भी काम मुश्किल नही है। वह इतना शक्तिशाली है कि उसे मसीहा के तौर पर किसी बिचोलिये या मथ्यस्त की जरूरत नही है। वह समान रूप से सभी पात्र व्यक्तियो को उपलब्ध है और वह सभी पात्र व्यक्तियो के जीवन मे समान रूप से अपनी उपस्थिती का प्रकाश फैला सकता है।
वह कौन सा काम है जिसको धरती पर करने के लिये ईश्वर ने भारत को चुना है?
वह काम है: हर दिल मे पीछे पीछे छुपे ईश्वर को जीवन मे हमारे मस्तिष्क की जगह स्थापित करना और उसे जीवन को सीधे संचालित करने देना। यह काम भारतीय राष्ट्रवाद को बढाना और इस देश मे उसकी स्थापना करना नही है। यह कोई छोटा मोटा काम नही है। न ही यह किसी एक देश तक सीमित है। यह एक विश्वव्यापी काम है। इस काम को हाथ मे लेने का अर्थ है एक ऐसी घटना को अंजाम देना जो धरती पर एक नये युग और नये जीवन का सूत्रपात करेगी। भगवान श्री कृष्ण ने महायोगी श्री अरविंद को जब वह अलीपुर जेल मे थे तो इस ईश्वरीय काम के पूर्ण होने का आश्वासन दिया था – उस ईश्वरीय वाणी को “श्री अरविंद का उत्तरपाडा का अभीभाषण (हिंदी अनुवाद और Video in English)” के नाम से जाना जाता है, जो उन्होने जेल से बाहर आने पर दिया था।
भारत का यही कार्य है। ईश्वर ने इसी काम के लिये भारत को चुना है। यही भारत की भवितव्यता है, यही भारत का मानवजाति को उपहार है, यही उसका भविष्य है – बाकि सभी काम इसके सामने बहुत छुद्र हैं। नये भारत का लक्ष्य मनुष्यों की आवश्यकताओ की सुभीते से पूर्ती करने के लिये इस देश मे पूंजीवाद या समाजवाद की स्थापना करना नही है बल्कि मनुष्यो को ऊपर उठा कर देवत्व की तरफ एक कदम बढाना है। ऐसे भारत का उदय किसी के भी विरुद्ध नही है – यह सबके हित मे है।
इसके लिये भारत को एक राष्ट्र के तौर पर पहले बहुत बडे पैमाने पर यहां फैली अपनी कमजोरी, गरीबी और अज्ञानता को दूर कर विश्व पटल पर सम्मान अर्जित करना होगा। आज भारत के बहुत सारे लोग श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे इस पहले काम को पूरा करने मे अपने अपने तरीके से लगे हुए हैं। आओ हम सब भी अपनी अपनी तरह से इस काम मे अपना योगदान करें।
सूचना क्रांति के इस युग मे यू ट्यूब पर बहुत सारे चैनल मौजूद हैं। सबका अपना अपना मकसद है। बहुत सारे चैनल बदलते भारत मे अपना सराहनीय सकारात्मक योगदान कर रहे हैं। इसी क्रम मे “दिल्ली डायलोग” के नाम से एक नया चैनल बनाया गया है।
पर इस चैनल का काम बाकि दूसरो से कुछ अलग हट कर है। एक ओर यह भारत मे गलत धारणाओ और व्यक्तियो को बेनकाब करता है वही दूसरी ओर यह भारत के सभी धर्मो, जातियो और वर्गो को आपसी घृणा के स्थान पर सार्वभौम आध्यात्मिक एकता और प्रेम के सूत्र मे बांधता है।