अशोक (एक भारतीय सैनिक)
अभी कुछ महीने पहले ही मैं नई यूनिट में ट्रान्सफर हो कर आया हूँ। पिछली यूनिट में कई लोगों ने मेरी छवि एक सांप्रदायिक कट्टर हिन्दू की बना दी थी और कुछ लोगों ने तो मुझे इस्लाम और क्रिश्चियनिटी विरोधी तक बता दिया था, इस लिए मैं इस यूनिट में काफ़ी शाँत रहता था। किसी भी धर्म पर मैं कोई भी बात नही करता था।
मेरे साथ एक सीनियर हैं जो 4 साल पहले हिंदू से क्रिस्चियन में कन्वर्ट हुए हैं। वो दिन रात क्रिश्चियनिटी की प्रशंसा करते रहते और हिंदुत्व को गालियाँ देते रहते थे। उन्हें मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और नाही उन्होंने मेरी हिस्ट्री पढ़ी थी। कल रविवार को बातों ही बातों में उन्होंने मुझे क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने का ऑफ़र दे दिया और क्रिश्चियनिटी के फ़ायदे बताने लगे।
अब मुझसे शान्त नही रहा गया। मैं कई दिनों से ऐसे ही मौके की तलाश में था और मेरे दिमाग में क्रिस्चियन कन्वर्शन वाले मुद्दे को लेकर बडी कशमकश चल रही थी – इस तरह के धर्मान्तरण के खिलाफ बोलूं कि ना बोलूं? मैं उसके ज्ञान का लेवल जानता था। मैं जानता था की उसे क्रिश्चियनिटी और बाइबिल में कुछ भी नही आता है। इसलिए मैंने उससे बहस करना जायज़ नही समझा। मैं बाइबिल को लेकर किसी बड़े क्रिस्चियन पादरी – फादर – से बहस करना चाहता था। इसलिये मैंने उनका ऑफ़र स्वीकार कर लिया।
कल शाम को मैं अपने आठ जूनियर और उस सीनियर के साथ चर्च पहुँच गया। वहाँ कुछ परिवार भी हिन्दू से क्रिस्चियन कन्वर्शन के लिए आये हुए थे। और धर्म परिवर्तन कराने के लिए गोआ के किसी चर्च के फादर बुलाये गए थे। चर्च में प्रेयर हुई। फिर उन्होंने क्रिश्चियनिटी और परमेश्वर पर लेक्चर दिया और होली वाटर के साथ धर्मान्तरण की प्रोसेस शुरू कर दी।
मैंने अपने सीनियर से कहा कि वो फ़ादर से रिक्वेस्ट करें कि वह सबसे पहले मुझे कन्वर्ट करें। ऐसा कहने पर फ़ादर ने मुझे बुलाया और बोला, “जीसस ने अशोक को अपनी शरण में बुलाया है, मैं अशोक का क्रिश्चियनिटी में स्वागत करता हूँ”!
मैंने फ़ादर से कहा कि मुझे कन्वर्ट करने से पहले वे क्रिस्चियन और हिन्दू को कम्पेयर करते हुए उसके मेरिट और डिमेरित मुझे बताएँ। मैं कन्वर्ट होने से पहले बाइबिल पर आपके साथ चर्चा करना चाहता हूँ; कृपया मुझे आधा घण्टे का समय दें और मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दें और मेरी शंकाओ का समाधान करने की कृपा करें।
फ़ादर को मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और उन्हें अंदाजा भी नही था कि मैं यहाँ उनके घृणा-स्पद प्रयासों की बखिया उधेडने आया हूँ। उन्हें पता नही था कि मैं अपना यह काम अपने प्लान के मुताबिक़ कर रहा हूँ। उस फ़ादर को इस बात का अंदेशा भी नही था की आज वो कितनी बड़ी आफ़त में फ़ंसने वाले हैं, सो फ़ादर बाइबिल पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गए ।
मैंने पूछा – फ़ादर, क्रिश्चियनिटी हिन्दूत्व से किस तरह बेहतर है? परमेश्वर और बाइबिल में से कौन सत्य है? अगर बाइबिल और यीशु में से एक चुनना हो तो किसको चुनें?
अब फ़ादर ने क्रिश्चियनिटी की प्रसंशा और हिंदुत्व की बुराइयाँ करनी शुरू की और कहा –
यीशु ही एक मात्र परमेश्वर है और होली बाइबिल ही दुनियाँ में मात्र एक पवित्र क़िताब है। बाइबिल में लिखा एक एक वाक्य सत्य है; वह परमेश्वर का आदेश है। परमेश्वर ने ही पृथ्वी बनाई है।
क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है, जबकि हिन्दुओँ की किताबों में केवल अंध विश्वास है।
क्रिश्चियनिटी में समानता है, जातिगत भेदभाव नही है, जबकि हिंदुओं में जातिप्रथा है।
क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान हैं, जबकि हिन्दुओँ में लेडिज़ का रेस्पेक्ट नही है, हिन्दू धर्म में लेडिज़ के साथ सेक्सुअल हरासमेंट ज़्यादा है।
क्रिस्चियन कभी भी किसी को धर्म के नाम पर नही मारते, जबकि हिन्दू धर्म के नाम पर लोगों को मारते हैं, बलात्कार करते हैं; हिन्दू बहुत अत्याचारी होते हैं।
हिंदुओ में नंगे बाबा घूमते हैं; सबसे बेशर्म धर्म है हिन्दू।
अब मैंने बोलना शुरू किया कि फ़ादर मैं आपको बताना चाहता हूँ कि –
जैसा आपने कहा कि परमेश्वर ने पृथ्वी बनाई है और बाईबल में एक एक वाक्य सत्य लिखा है और वह पवित्र है, तो बाईबल के अनुसार पृथ्वी की उत्त्पति ईशा के जन्म से 4004 वर्ष पहले हुई अर्थात बाइबिल के अनुसार अभी तक पृथ्वी की उम्र 6020 वर्ष है जबकि साइंस के अनुसार (कॉस्मोलॉजि) पृथ्वी 4.8 बिलियन वर्ष की है जो बाइबिल में बतायी हुई वर्ष के बहुत ज़्यादा है। आप भी जानते हैं कि साइंस ही सत्य है ! अर्थात बाइबिल का पहला अध्याय ही बाइबिल को झूँठा घोषित कर रहा है। मतलब बाइबिल एक फ़िक्शन बुक है जो मात्र झूँठी कहानियों का संकलन है।
जब बाइबिल ही असत्य है तो आपके परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नही बचता।
आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान है तो आपको बता दूँ कि क्रिश्चियनिटी में ज्ञान नाम का कोई शब्द नही है; याद करो जब “ब्रूनो” ने कहा था कि पृथ्वी सूरज की परिक्रमा लगाती है तो चर्च ने ब्रूनो को बाइबिल को झूंठा साबित करने के आरोप में जिन्दा जला दिया था और गैलीलियो को इस लिए अँधा कर दिया गया क्योंकि उसने कहा था कि ‘पृथ्वी के आलावा और भी ग्रह हैं’ जो बाइबिल के विरुद्ध था ।
अब मैं आता हूँ हिंदुत्व में तो फ़ादर, हिंदुत्व के अनुसार पृथ्वी की उम्र ब्रह्मा के एक दिन और एक रात के बराबर है जो लगभग 1.97 बिलियन वर्ष है जो कि साइंस के बताये हुए समय के बराबर है और साइंस के अनुसार ग्रह नक्षत्र तारे और उनका परिभ्रमण हिन्दुओँ के ज्योतिष विज्ञान पर आधारित है; हिन्दू ग्रंथो के अनुसार 9 ग्रहों की जीवनगाथा वैदिक काल में ही बता दी गयी थी। ऐसे ज्ञान देने वाले संतो को हिन्दुओँ ने भगवान के समान पूजा है नाकि जिन्दा जलाया या अँधा किया।
केवल हिन्दू धर्म ही ऐसा है जो ज्ञान और गुरु को भगवान से भी ज़्यादा पूज्य मानता है जैसे कि कहा है:
“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवोमहेश्वरः
गुरुर्साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरूवे नमः।।
और फ़ादर दुनियाँ में केवल हिन्दू ही ऐसा है जो कण कण में ईश्वर देखता है और ख़ुद को “अह्मब्रह्मस्मि” बोल सकता है इतनी आज़ादी केवल हिन्दू धर्म में ही हैं।
आपने कहा कि ‘क्रिश्चियनिटी में समानता है जातिगत भेदभाव नही है तो आपको बता दूँ कि क्रिश्चियनिटी पहली शताब्दी में तीन भागों में बटी हुई थी यानि – Jewish Christianity, Pauline Christianity, Gnostic Christianity जो एक दूसरे के घोर विरोधी थे; उनके मत भी अलग अलग थे। फिर क्रिश्चियनिटी Protestant, Catholic Eastern Orthodoxy, Lutherans में विभाजित हुई जो एक दूसरे के दुश्मन थे, जिनमें कुछ लोगों का मानना था कि “यीशु” फिर जिन्दा हुए थे तो कुछ का मानना है कि यीशु फिर जिन्दा नही हुए, और कुछ ईसाई मतों का मानना है कि “यीशु को सैलिब पर लटकाया ही नही गया”। आज ईसाईयत हज़ार से ज़्यादा भागों में बटी हुई है, जो पूर्णतः रँग भेद (श्वेत अश्वेत) और जातिगत आधारित है। आज भी पूरे विश्व में कनवर्टेड क्रिस्चियन की सिर्फ़ कनवर्टेड से ही शादी होती है।
आज भी अश्वेत क्रिस्चियन को ग़ुलाम समझा जाता है।
फ़ादर भेदभाव में ईसाई सबसे आगे हैं हैम के वँशज के नाम पर अश्वेतों को ग़ुलाम बना रखा है।
आपने कहा कि क्रिश्चियनिटी में महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार है, तो बाईबल के प्रथम अध्याय में एक ही अपराध के लिये परमेश्वर ने ईव को आदम से ज्यादा दण्ड क्यों दिया, ईव के पेट को दर्द और बच्चे जनने का श्राप क्यों दिया? आदम को ये दर्द क्यों नही दिया? अर्थात आपका परमेश्वर भी महिलाओं को पुरुषों के समान नही समझता। आपके ही बाइबिल में “लूत” ने अपनी ही दोनों बेटियों का बलात्कार किया और इब्राहीम ने अपनी पत्नी को अपनी बहन बनाकर मिस्र के फिरौन (राजा) को सैक्स के लिए दिया।
आपकी ही क्रिश्चियनिटी ने पोप के कहने पर अब तक 50 लाख से ज़्यादा बेक़सूर महिलाओं को जिन्दा जला दिया। ये सारी रिपोर्ट आपकी ही बीबीसी न्यूज़ में दी हुईं हैं।
आपकी ही ईसाईयत में 17वीं शताब्दी तक महिलाओं को चर्च में बोलने का अधिकार नही था; महिलाओं की जगह प्रेयर गाने के लिए भी 15 साल से छोटे लड़को को नपुंसक बना दिया जाता था, उनके अंडकोष निकाल दिए जाते थे; महिलाओं की जगह उन बच्चों से प्रेयर करायी जाती थी।
बीबीसी के सर्वे के अनुसार सभी धर्मों के धार्मिक गुरुवों में सेक्सुअल केस में सबसे ज़्यादा “पोप और नन” ही एड्स से मरे हैं जो ईसाई ही हैं।
फ़ादर क्या यही क्रिश्चियनिटी में नारी सम्मान है?
अब मैं आपको हिंदुत्व में बताऊँ। दुनियाँ में केवल हिन्दू ही है जो कहता है “यत्र नारियन्ति पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है वहीँ देवताओं का निवास होता है।
फ़ादर आपने कहा कि क्रिस्चियन धर्म के नाम पर किसी को नही मारते तो आपको बता दूँ कि एक लड़का हिटलर जो कैथोलिक परिवार में जन्मा और जिसने जीवन भर चर्च को फॉलो किया उसने अपनी आत्मकथा “MEIN KAMPF” में लिखा ‘ वो परमेश्वर को मानता है और परमेश्वर के आदेश से ही उसने 10 लाख यहूदियों को मारा है’। हिटलर ने हर बार कहा की वो क्रिस्चियन है। चूँकि हिटलर द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण था जिसमें सारे ईसाई देश एक दूसरे के विरुद्ध थे इसलिए आपके चर्च और पादरियों ने उसे कैथोलिक से निकाल कर Atheist(नास्तिक) में डाल दिया।
फ़ादर मैं इस्लाम का हितेषी नही हूँ लेकिन आपको बता दूँ क्रिस्चियनों ने सन् 1096 में ने “Crusade War” धर्म के आधार पर ही स्टार्ट किया था जिसमें पहला हमला क्रिस्चियन समुदाय ने मुसलमानों पर किया। जिसमें लाखों मासूम मारे गए।
फ़ादर “आयरिश आर्मी” का इतिहास पढ़ो किस तरह कैथोलिकों ने धर्म के नाम पर क़त्ले आम किया जो आज के isis से भी ज़्यादा भयानक था।
धर्म के नाम पर क़त्लेआम करने में क्रिस्चियन मुसलमानों के समान ही हैं, वहीँ आपने हिन्दुओँ को बदनाम किया तो मैं आपको बता दूँ की हिन्दू ने कभी भी दूसरे धर्म वालों को मारने के लिए पहले हथियार नही उठाया है, बल्कि अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाया है।
फ़ादर आपने कहा कि हिन्दुओँ में नंगे बाबा घूमते हैं, “हिन्दू बेशर्म” हैं तो फ़ादर मैं आपको याद दिला दूँ कि बाइबिल के अनुसार यीशु ने प्रकाशितवाक्य (Revelation) में कहा है कि “nudity is best purity” नग्नता सबसे शुद्ध है। यीशु कहता है कि मेरे प्रेरितों अगर मुझसे मिलना है तो एक छोटे बच्चे की तरह नग्न हो कर मुझसे मिलों क्योंकि नग्नता में कोई लालच नही होता।
फ़ादर याद करो यूहन्ना का वचन 20:11-25 और लूका के वचन 24:13-43 क्या कहते हैं वो नग्नता के बारे में।
फ़ादर ईसाईयत में सबसे बड़ी प्रथा Bapistism है, जो बाइबिल के अनुसार येरूसलम की यरदन नदी में नग्न होकर ली जाती थी। अभी इस वर्ष फ़रवरी में ही न्यूजीलैंड के 1800 लोगों ने जिसमे 1000 महिलाएं थी पूर्णतः नग्न होकर बपिस्टिसम लिया। और आप कहते हो की हिन्दू बेशर्म है।
अब चर्च के सभी लोग मुझ पर भड़क चुके थे और ग़ुस्से में कह रहे थे – आप यहाँ क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने के लिए नही आये हो, आप फ़ादर से बहस करने आये हो, परमेश्वर आपको माँफ नही करेगा।
मैंने फ़ादर से कहा कि यीशु ने कहा है “मेरे प्रेरितों मेरा प्रचार प्रसार करो” अब जब आप यीशु का प्रचार करोगे तो आपसे प्रश्न भी पूछे जाएँगे, आपको ज़बाब देना होगा, मैं यीशु के सामने बैठा हुआ हूँ और वालंटियर क्रिस्चियन बनने आया हूँ ।
मुझे आप सिर्फ़ ज्ञान के सामर्थ्य पर क्रिस्चियन बना सकते है धन के लालच में नही।
अब फ़ादर ख़ामोश बैठा हुआ था। शायद सोच रहा होगा की आज किस से पाला पड़ गया।
मैंने फिर कहा – फ़ादर, आप यीशु के साथ गद्दारी नही कर सकते; आप यहाँ सिद्ध करके दिखाओ की ईसाईयत हिंदुत्व से बेहतर कैसे है?
मैंने फिर फ़ादर से कहा – फ़ादर, ज़वाब दो आज आपसे ही ज़वाब चाहिए क्योंकि आपके ये 30 ईसाई इतने सामर्थ्यवान नही है कि ये हिन्दू के प्रश्नों का ज़वाब दे सकें।
फ़ादर अभी भी शाँत था, मैंने कहा – फ़ादर, अभी तो मैंने शास्त्र खोले भी नही है शास्त्रों के ज्ञान के सामने आपकी बाइबिल कहीं टिकती भी नही है।
अब फ़ादर ने काफ़ी सोच समझकर रविश स्टाइल में मुझसे पूछा – आप किस जाति से हो?
मैंने भी चाणक्य स्टाइल में ज़वाब दे दिया –
मैं सेवार्थ शुद्र, आर्थिक वैश्य, रक्षण में क्षत्रिय और ज्ञान में ब्राह्मण हूँ। और हाँ फ़ादर, मैं कर्मणा “फ़ौजी” हूँ और जाति से “हिन्दू”।
अब चर्च में बहुत शोर हो चुका था। मेरे जूनियर बहुत खुश थे। बाकि सभी ईसाई मुझ पर नाराज़ थे। लेकिन करते भी क्या करते, मैने उनकी ही हर बात को काटने के लिए बाइबिल को ही आधार बना रखा था और हर बात पर बाइबिल को ही ख़ारिज कर रहा था।
मैंने फ़ादर से कहा मेरे ऊपर ये जाति वाला मन्त्र ना फूँके, आप सिर्फ़ मेरे सवालों का ज़वाब दें।
अब मैंने उन परिवारों को जो कन्वर्ट होने के लिए आये थे कहा – क्या आप लोगों को पता है कि वेटिकन सिटी एक हिन्दू से क्रिस्चियन कन्वर्ट करने के लिए कम से कम 2 लाख रुपये देती है, जिसमें से आपको 1लाख या 50 हज़ार दिया जाता है और बाकि में 20 से 30 हज़ार तक आपको कन्वर्ट करने के लिए चर्च लेकर आने वाले आदमी को दिया जाता है। बाकि का 1 लाख चर्च रखता है। जब आप कन्वर्ट हो जाते हो तब आपको परमेश्वर के नाम से डराया जाता है; फिर आपको हर सन्डे चर्च आना पड़ता है और हर महीने अपनी पॉकेट मनी या फिक्स डिपाजिट चर्च को डिपॉजिट करना पड़ता है; आपको 1 लाख देकर चर्च आपसे कम से कम दस लाख वसूल करता है। अगर आपके पास पैसा नही होता तो आपको परमेश्वर के नाम से डराकर आपकी जमीन किसी क्रिस्चियन ट्रस्ट के नाम पर डोनेट (दान) करा ली जाती है।
मैने कहा – अब आप मेरे सीनियर को ही देख लो, इन्होंने कन्वर्ट होने के लिए 1 लाख लिया था लेकिन 4 साल से हर महीने 15 हज़ार चर्च को डिपाजिट कर रहे हैं, अभी भी वक्त है सोच लो।
आप सभी को यह भी बता दूँ की एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में धार्मिक आधार पर सबसे ज़्यादा जमीन क्रिस्चियन ट्रस्टों के पास हैं, जिन्हें आप जैसे मासूम कन्वर्ट होने वालो से परमेश्वर के नाम पर डरा कर हड़प लिया गया है।
अब मेरा इतना कहते ही सारे क्रिस्चियनो ने, जो अब तक पूरी तरह भड़क चुके थे, और यहाँ के पादरी ने भी पीछा छुडाना बेहतर समझा और गोआ वाले फ़ादर से कहा – “11बज चुके हैं चर्च को बन्द करने का टाइम है”।
मैंने फ़ादर से कहा कि आपने मेरे सवालों का ज़वाब नही दिया, मैं आपसे बाइबिल पर चर्चा करने आया था। आप जो पैसे लेकर कन्वर्ट करते हो वो बाईबल में सख्त मना है; याद करो गेहजी, यहूदा इस्तविको का हस्र जिसनें धर्म में लालच किया। जिस तरह परमेश्वर ने उन्हें मारा ठीक उसी तरह आपका ही परमेश्वर आपको मारेगा। आप में से किसी भी क्रिस्चियन को जो पैसे लेकर कन्वर्ट हुआ है फ़िरदौस (यीशु का राज्य) में प्रवेश नही मिलेगा।
अब चर्च बंद होने का समय हो चुका था।
मैंने जाते जाते फ़ादर को “थ्री इडियट” स्टाइल में कहा – “फ़ादर, फिर से बाईबल पढ़ो समझों, और जहाँ समझ ना आये तो मुझे फ़ोन करके पूछ लेना क्योंकि मैं अपने कमज़ोर स्टूडेंट का हाथ कभी नही छोड़ता।
और आते आते मैं सारे क्रिस्चियनों को बोल आया कि “मेरे क्रिस्चियन भाइयों, अपने वेटिकन वाले चचाओं को बता दो कि भारत से ईसाईयत का बोरी बिस्तर उठाने का समय आ गया है। उन्हें बोल दो अब भारत में हिन्दू जाग चुका है; अब हिन्दू ने भी शस्त्र के साथ शास्त्र उठा लिया है, जितना जल्दी हो यहाँ से कट लो !”