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मोदी का दलित प्रेम और सवणॆ की नाराजगी

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राजन सिंह परिहार

कुछ लोगों की शिकायत है कि प्रधानमन्त्री दलितों के ऊपर अत्यधिक मेहरबान हैं जो सच भी है। लेकिन जब आप सब गहराई पूर्वक सूक्ष्मतम रूप से इस पर विचार करेंगे तो प्रधानमन्त्री आपको ग़लत नहीं लगेंगे।

दलितों को लेकर चार अन्तरराष्ट्रीय तत्वों में होड़ सी मची है। एक ओर इसे विदेशी धन के बलबूते चर्च निगलना चाह रहा है तो दूसरी ओर इस्लाम भी जय मीम और जय भीम का नारा देकर निगलने को तैयार खड़ा है। तीसरी ओर अन्य पन्थ भी इस समाज पर अपना अलग अधिकार जताता है तो चौथी ओर कम्युनिस्ट पार्टियां इसे धर्म और आस्था से विहीन कर हिन्दुओंं से अलग करने पर आमदा हैं।

यह चारों के चारों अंतरराष्ट्रीय/अराष्ट्रीय तत्व हैं और इनमें से एक की ओर भी दलितों का झुकना न तो भारत के लिए हितैषी है और न ही बहुसंख्यक हिन्दू समाज के लिए। क्योंकि यदि दलित इन चारों में से किसी एक से भी जुड़ते हैं तो हमारा देश और धर्म दोनों कमजोर हो जाएगा।
इसलिए प्रधानमन्त्री जी का पूरा जोर यह है कि दलितों को इन चारों अराष्ट्रीय तत्वों के चंगुल में फंसने से कैसे रोकें? ताकि न तो देश की दीवार में कोई दरार आए और न ही हिन्दुत्व कमजोर हो।

इसलिए आप प्रधानमन्त्री की दूरदृष्टि को गम्भीरतापूर्वक समझने का प्रयास कीजिए। दलितों पर फोकस होने का मतलब उनहे इन चारों के जाल में फंसने से रोकना है।
जब स्थिति सामान्य होगी और देश नियन्त्रण में होगा तो देशद्रोह के लिए कोई सर नहीं उठा सकेगा । सनातनधर्म और राष्ट्र सुरक्षित होगा।

NOTA का समर्थन करने वाले सभी मित्रों से विनम्र आग्रह: यदि Modi सरकार के SC / ST Act पर वर्तमान स्टैंड के आधार पर हमने NOTA का विकल्प चुना और आपके अनुसार इस स्वर्ण और पिछड़ा विरोधी इस Modi सरकार को हमने 2019 में उखाड़ फेंक दिया तो फ़िर 2019 में सरकार किसकी बनेगी? आओ, मंथन करते हैं।

1.SC / ST ACT लागू करने वाली कांग्रेस की?

2.SC / ST की राजनीति करने वाली मायावती +गठजोड़ की?

3.मुस्लिम +यादव की राजनीति वाली SP की?

4.मुस्लिम तुष्टीकरण वाली ममता या ओवैसी की?

5.Anti North या United South India मुहिम वाली साउथ पार्टी की?

6.Anti India मुहिम वाली वामपन्थी लोगो की?

7.U Tern लेने वाले केजरीवाल की?

8.या इन सब का संयुक्त गठजोड़ जिसमे मायावती भी शामिल होंगी, उनकी?

उपरोक्त 8 ऑप्शन में से ऐसा कोन होगा जो SC / ST Act में आपकी मनमर्ज़ी के मुताबिक बदलाव ला पाएगा?

और इस तरह की सरकार से हिंदुस्तान का क्या हश्र होगा?

क्या 2004-2014 वाली लूट सरकार वाला?

हमने इतिहास में जय चंद का नाम सुना है। क्या जयचंद की मोहम्मद गौरी से कोई मित्रता थी? जबाब है “बिल्कुल नहीं।” सिर्फ पृथ्वीराज चौहान से अत्यधिक नफरत के कारण उसने पृथ्वीराज चौहान के दुश्मन का साथ दिया और काम निकलते ही मोहम्मद गौरी ने जयचंद का भी काम तमाम कर दिया था।

इतिहास से सबक लीजिए, राजनीति या विरोध जरूर किजियेगा पर अनजाने में देश विरोधियों की मदद मत कर दीजिएगा।

मैं भी SC / ST Act के वर्तमान प्रारूप और जातिगत आरक्षण का पुरज़ोर विरोध करता हूँ और सरकार से मांग करता हूँ कि जन भावना का सम्मान करे। परन्तु 2019 मे मैं राष्ट्र निर्माण के लिए, हिंदुस्तान को तरक्की की राह पर ले जाने की योग्यता रखने वाले प्रतिनिधि, राजनीतिक दल को वोट जरूर करूंगा।

क्या ये Nota वाले हमे कांग्रेस की B Team प्रतीत नहीं होते ? कांग्रेस अच्छी तरह से जानती है कि कोई उसे वोट नहीं देगा इसीलिए SC / ST Act की आड़ में Nota के जरिए वो हमारे Vote को खराब करवा कर 2019 में सत्ता पाना चाहती है। इसीलिए अपने विवेक का उपयोग करें।

किसी जानकार व्यक्ति की बातो मे आने से पहले उसके उद्देश्य और मर्म को टटोल लें, कहीं वह आपकी भावनाओं का इस्तेमाल करके अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूरती के लिए तो नहीं कर रहा है। याद रखें कि 90% Nota के बावजूद, बचे हुए 10% वोट में, सबसे अधिक वोट पाने वाला प्रत्याशी ही विजय पाएगा। Nota से सिर्फ आपका समय और वोट बेकार हो जाएगा।

याद रखे कि 2004 में आपने बिना आंकलन के स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार सिर्फ अपनी नाराजगी के लिय गिरा दी थी और फिर 10 साल का निरंकुश भ्रष्ट शासन झेला था। इसीलिए 2019 में ऐसी गलती मत कीजिएगा। 2019 में राष्ट्र निर्माण के लिए Vote करे Nota नहीं । आज हिन्दू मृत्यु शय्या की निद्रा में है जो धर्म और देशहित के लिए जागना ही नहीं चाहता है।


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