अमेरिका का एक प्रसिद्ध अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स भारत के खिलाफ लिखने के लिये कुख्यात है। यह अखबार भारत और उसके प्रधान म॔त्री मोदी के खिलाफ जहर उगलता रहता है।
असल में किसी भी देश में कोई भी अखबार उस देश का प्रतिनिधित्व नहीं करता, वह तो केवल उस अखबार से जुड़े हुए लोगों के विचार बताता है। अमेरिका में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो भारत से बेहद प्रेम करते हैं। लेकिन ऐसे भी लोग वहां हैं जो भारत से घृणा करते हैं। उन्ही में से एक इस अखबार के एडिटर श्री जोसफ होप भी हैं। इन्होने ऐसे लेखकों का जमावडा इकठा किया हुआ है जो भारत के छिलाफ लिखते रहते हैं। इनमें कुछ भाडे पर लिखने वाले भारतीय लेखक भी हैं।
वैसे तो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने लगभग सभी अख़बारों की कमर तोड दी है। ताजा समाचार जानने के लिए नई पीढी का कोई भी आदमीआज अखबार नहीं पढता। हर वह आदमी जिसके पास मोबाइल फोन है आज समाचार संवादाता बना हुआ है। बासी खबर कौन पढ़े? ताजी से ताजी खबरें हर समय इंटरनेट पर मौजूद रहती हैं।
अखबार समाचार के बजाय पाठकों को केवल अपनी “राय” परोसते हैं। जिसको जो राय पसंद होती है वह उसी तरह के अखबार को पढता है। अखबार आज जिंदा रहने के लिए डोनेशन मांग रहे हैं ! फिर भी बहुत से अखबारों के पास ढेर सारा धन है और वे अपनी “राय” को दूसरो पर थोपने के लिये इसे दूर दूर तक फैलाने की कोशिश करते रहते हैं। यही हाल न्यूयॉर्क टाइम्स का भी है।
इस अखबार के लेख भारत के लोगों की आंखे खोलने के लिये काफी होने चाहिये। कुछ ऐसे ही लेखों के अंशों का हिंदी अनुवाद यहां दिया गया है. हमने इन्ही के नीचे भारतीय दृषिकोण से प्रतिक्रिया भी दी है:
“मोदी के 2002 के गोधरा दंगों के बाद, इस व्यक्ति की आश्चर्यजनक जीत जैसे मुर्दा से वोट पाने की कला।”* इस व्यक्ति से अमेरिका को कई खतरे हैं जो खतरे अमेरिका को हिटलर से थे। पर अमेरिका जानता था कि हिटलर उसका दुश्मन है, लेकिन मोदी अमेरिका की आँख में धूल झोंकने में सफल हुए हैं।
(टिप्पणी – यदि कोई ठीक इसके उलट यह कहे कि अमेरिका के ऐसे विचारों और लोगों से भारत को और सारी दुनिया को भी ख़तरा है, तो यह ठीक ही रहेगा )
मोदी तो सभी महाशक्तियों जैसे.. ..रूस, फ्रांस और ब्रिटेन की आँखो में धूल झोंकने में सफल रहा है।
(टिप्पणी – और अमेरिका तो दशाब्दियों से सारी दुनिया की आँखों में धूल झोंकता ही आया है – कहता कुछ है करता कुछ है – सददाम हुसैन का सन्दर्भ लें )
इस व्यक्ति का उदय दुनिया के लिए खतरा है, क्योंकि उसने न केवल भारत के फायदे के लिए एक देश को दूसरे देश का दुश्मन बनाया बल्कि इसका इस्तेमाल भी किया है। यह केवल भारत के हित को देखता है, भारत को सर्वोच्च बनाने का एकमात्र लक्ष्य यह व्यक्ति देखता है। “यदि इस व्यक्ति को रोका नहीं गया, तो भविष्य ऐसा होगा कि पूरे विश्व को भारत आंखें दिखाएगा।”
(टिप्पणी – अभी तो अमेरिका ही आँखे दीखाता है और उसे रोकना जरुरी है – सारी दुनिया के लिए )
लेकिन मैंने आज अमेरिकियों से कहा है कि यदि हम इसे पहचान नहीं सकते हैं तो एक महान मूल्य का भुगतान करने के लिए तैयार रहें। और वह एक आदमी नहीं है, उसके कई पुरुष हैं, और भारत के रॉयल्टी संगठन के लोग भारत के हित के लिए सभी देशों में लॉबिंग करते हैं।
मोदी एक निश्चित रणनीति के साथ आगे बढ़ता है और उसकी रणनीति किसी को भी समझ में नहीं आती कि वह क्या करना चाहता है। उनके हंसने वाले चेहरे के पीछे एक “खतरनाक राष्ट्रवादी” छिपा हुआ है। यह भारत के लाभ के लिए सभी विश्व के देशों का उपयोग कर रहा है..
(टिप्पणी – यह कितनी छोटी सोच है ! यदि भारत यह कहता है कि सारी दुनिया को नियम से बांध कर चलना चाहिए; याकि , दुनिया की समस्याओं का हल गौतम बुद्ध का मार्ग ही करेगा ; याकि , सारी दुनिया को मन और शरीर की सेहत चाहिए तो क्या यह एक रणनीति है ?)
अमेरिका ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ संबंधो को नष्ट करके और वियतनाम जैसे दुश्मनों के साथ दोस्ती करके एशिया में चीन के प्रभुत्व को कमजोर कर दिया है, अब मोदी चीन के खिलाफ वियतनाम और अफगानिस्तान का उपयोग करता है।
(टिप्पणी – तो क्या सारी दुनिया को अपने भले के लिए उपयोग करने का ठेका केवल अमेरिका ने ही ले रखा है ?)
मोदी ने दक्षिण चीन सागर में वियतनाम में तेल का उत्पादन शुरू किया, जहां से सभी तेल भारत को दिया जाता है, और भारतीय कम्पनी रिलायंस को काम पर लगा दिया है, यहाँ भी अमेरिका का प्रभुत्व न के बराबर करवा दिया है।
फिलहाल, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन में वियतनाम को नियंत्रित करता है, ओर वो वियेतनाम तो भारत को सभी लाभ दिलाता है.. !!
*मोदी ने चीन अमेरिका को, एक दुसरे के खिलाफ करके दोनों देशों से 1.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया है, …जिसे भारतने पिछले आठ वर्षों में भी हासिल नहीं किया जा सका था.
आज पाकिस्तान के पुराने मित्र देशों के इस्तेमाल से ही, इस व्यक्ति के द्वारा तबाही, जैसे अफगानिस्तान की सीमा पर एक बंदरगाह और भारतीय सेना का स्टेशन स्थापित किया जाता है, और ईरान को व्यापार की रिश्वत देते हुए ईरान को पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा कर दिया है।
मोदी पाकिस्तान और तालिबान की तबाही के लिए रॉ के एक दल को बलूचिस्थान में लॉबिंग करने के लिए लगा रखा है। यह हम अमेरिकी का अनुमान नहीं है, अमेरिकी ख़ुफ़िया तंत्र की रिपोर्ट है.. लेकिन उस व्यक्ति ने अमेरिका के हाथों को बांधा है और यह उसकी रणनीतियों में से एक है.. जिसको हम समझने में बिलकुल विफल रहे हैं।
मोदी ने पाकिस्तान के पारंपरिक मित्र सऊदी अरब को पाकिस्तान से अलग करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोदी ने श्रीलंका में रॉ लॉबिंग समूह की अगुआई में भारत विरोधी, सत्तारूढ़ दल के 20 साल के शासन का तख्ता बदला। अब श्रीलंका का प्रधान मंत्री का 3 दिवस का भारत दौरा होता है जो बहुत संकेत देता है..
मोदी ने एशिया महादेश पर चीन और अमेरिका के प्रभुत्व को बहुत ही कमजोर कर दिया है और यह सार्क सम्मेलन रद्द करवा कर अपनी ताकत दिखा भी चुका है।
पूरे एशिया के ऊपर भारत का प्रभुत्व, एशिया की दो महान शक्तियों, रूस और जापान को एक विश्वसनीय मित्र के रूप में बनाकर हासिल किया है।
मोदी ने अमेरिकी सरकार में लाॅबिंग कर के MTCR ग्रूप में जगह हासिल की, और कुछ समय में ही NSG में भी स्थान ले सकता है जो आगे जा कर अमेरिका के लिए हानिकारक होगा।
इसके अलावा, इस व्यक्ति ने भारतीय राजनीति को एक अलग स्तर पर पहुंचता दिया है। दुनिया को यह सोचना चाहिए कि सभी देशों के कई दुश्मन देश हैं… लेकिन चीन और पाकिस्तान के अलावा भारत का कोई भी दुश्मन नहीं है, और इन दोनों दुश्मन देशों की समस्या का समाधान भी भारत के पास मौजूद है..!! “यह आदमी पाकिस्तान को वास्तविक युद्ध की तुलना में काफी अधिक नुकसान पहुंचा रहा है।
“ईस्लामिक देशों को पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल करके मोदी ने यह साबित कर दिया है कि आज वह दुनिया का एक महान नेता है।”
इन सभी षड्यंत्रों में इसी व्यक्ति की रीढ़ है और अन्य देशों के लिए भारत की ये प्रगति उचित नहीं है।
इसलिए, मैं दुनिया के सभी बुद्धिजीवियों से चर्चा करने और सोचने तथा भारत के विपक्ष को भड़काने और अगर संभव हो तो भारत जैसे पिछड़े देश को दुनिया का महाशक्ति बनने से रोकने का अनुरोध करता हूं ।