श्रीपाल सिंह इस संसार में विचार ही सबकुछ नहीं हैं। यह संसार विचारों से ही नहीं चलता। यहाँ भाव – मन के भाव – भी स्थान रखते हैं। बिना भावों के यह संसार सूना, बेरौनक और बेमतलब सा लगता है। कवितायेँ मन का भाव प्रकट करने का अच्छा माध्यम हैं। मेरी दो कवितायेँ प्रस्तुत हैं। […]
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